चेतावनी
चेतावनी -- सभी
संस्थाओ को सूचित किया जाता है कि कोई भी संस्था हमारी वेबसाइट का कोई
भी मैटर, आंशिक या पूर्ण रूप से बिना हमारी लिखित अनुमति के अपनी वेबसाइट
मे न डाले अन्यथा आपके विरुद्ध संस्था द्वारा इंडियन कॉपीराइट एक्ट 1957
के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही की जाएगी। ——– सौजन्य से :- एम रंजन एडवोकेट
एण्ड एसोसिएट्स — हाई कोर्ट / सुप्रीम कोर्ट
प्रिय चिकित्सक गण/
अनुभवी चिकित्सक – ध्यान दें –इस समय देश
में अल्टरनेटिव नेचुरोपैथी तथा प्राइमरी हेल्थ केअर के सबंध में अनेकों नई
संस्थाये खुल रही हैं, जो चिकित्सक को सही सही जानकारी नहीं देती है जिससे
चिकित्सक आज प्रमाण पत्र बनवा लेता है और जांच के समय पता चलता है है कि
यह संस्था सही नहीं है यह प्रमाण पत्र नकली है अतः किसी भी कोर्स में
प्रवेश लेने या रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र लेने से पूर्व बिलकुल सही सही
जानकारी कर ले इसके लिए आप हमारी पूरी वेबसाइट देख सकते है —- आज अधिकांश
संस्थाएं सरकार से रजिस्टर्ड नहीं हैं –ये संस्थाएं जो प्रमाण पत्र जारी
करती हैं और उसमें प्राय:अपनी संस्था का पता नहीं लिखती हैं आफिस प्राय:
किराये के भवन में बनाती हैं -साल दो साल बाद धन लेकर भाग जाती हैं –चार
-पांच साल बाद जब तुम्हारे प्रमाण पत्रो के सत्यापन की जाँच होती है तब
उनका कार्यालय बंद मिलता है और दोषी प्रमाण पत्र धारक डाक्टर होता है –अत;
प्रमाण पत्र लेने से पूर्व ठीक प्रकार से जानकारी कर ले -कि संस्था
सरकार से रजिस्टर्ड है या नहीं –संस्था कितने साल पुरानी है –संस्था की वेवसाइट बनी है या नहीं –क्या संस्था जाँच होने पर जाँच आख्या -वेरिफिकेसन –भेजेगी –प्रमाण पत्रों में क्या अपने कार्यालय का पता लिखती है -प्रमाण पत्रो में क्या सरकार से दिया गया रजिट्रेशन नंबर
लिखती है –वेवसाइट में अपना पता लिखा है या नहीं –तथा संस्था के डायरेक्टर
से फ़ोन पर या कार्यालय जाकर यह जरूर पूँछ ले कि क्या आपके प्रमाण पत्रों
को हम C M O या पुलिस के किसी बड़े अधिकारी जैसे – यस 0 पी 0
आदि को दिखा सकते हैं –आदि -आदि बातों -तथ्यो को देखने के बाद ही प्रमाण
पत्र लें –अन्यथा फंस जायेगे -धन बर्बाद होगा -और जेल भी जाना पड़ सकता है
–अतः सावधान रहे ——-
हमारा उद्देश्य :-
हमारा उद्देश्य किसी भी छात्र , वैद्य , डॉक्टर को धोखा देना
नहीं है , हमारा उद्देश्य आपको सही तथ्यों से सर्वप्रथम अवगत कराना है ,
संस्था तथा कोर्सेज की मान्यता के तथा सम्बंधित कानून के सम्बन्ध में
स्पस्ट जानकारी देना है , किसी को झूठे तथ्य देकर चीटिंग करके , धोखा देकर
, झूठ बोलकर , धन का अर्जन नहीं करना है.
कानूनी रूप से चिकत्सा कार्ये वही चिक्त्सक
कर सकते है जिन्होंने C.P.M.T. पास करके साढ़े पांच साल का रेगुलर कोर्स
M.B.B.S. / B.A.M.S / B.H.M.S. / B.D.S.आदि कोर्स पास किये है और 10 से 60
लाख रुपए खर्च किये है , और किसी को भी आज की तारीख में चिकत्सा कार्ये
करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। हमारे देश में ऐसे डॉक्टर्स की संख्या
लगभग 6 लाख है जबकि अनुभवी चिकत्सकों की संख्या लगभग 50 से 60 लाख के बीच
है.
इस समय अनुभव आधार पर चिकित्सा कार्ये करने
के लिए अनुभवी डॉक्टर्स के लिए कोई स्पस्ट कानून नहीं बनाया गया है , न तो
इन्हे सरलता से प्रैक्टिस करने के लिए अनुमति दी गयी है और न ही बड़ी कठिनता
से मना किया गया है , जिस किसी चिकितसक ने किसी संस्था से डिप्लोमा लेकर
तथा किसी डॉक्टर के यहाँ रहकर अनुभव प्राप्त कर समाज में अपनी सेवाये देनी
शुरू कर दी ,और समाज ने उसे चिकितसक के रूप में स्वीकार कर लिया , वह ही
प्रसिद्ध डॉक्टर बन गया , उसी के पास घर , गाडी , बंगला हो गया , और अब
ऐसे चिकित्स्को को अपनी प्रैक्टिस और सम्मान के बचाव के लिए सरकार से
रजिस्टर्ड संस्थाओ से कुछ डिप्लोमा कोर्स करने ही होंगे जिससे उनकी
प्रैक्टिस और सम्मान की रक्षा हो सके , इस समय इस तरह के 2 डिप्लोमा किये
जा सकते है :-
1 – सी 0 एम 0 एस 0 डिप्लोमा :- माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक निर्णय में सी
0 एम 0 एस 0 डिप्लोमाधारी चिकित्स्को को संक्रामक रोगो सहित सभी रोंगो में
जनरल उपचार की अनुमति दी है , तथा अपने निर्णय में कहा है कि – सी 0 एम 0
एस 0 डिप्लोमा धारी चिकितसक अपने मरीजो को मेडिकल प्रमाण पत्र दे सकते है ,
— सुप्रीम कोर्ट का निर्णय होने के कारण कोई जांच अधिकारी – सी 0 एम 0 ओ 0
आदि परेशान नहीं करते है क्योंकि उन्हें भी डर होता है कि कहीं उनके
खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का केस न लग जाये और उन्हें बार –
बार कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े। आप आदर सहित अधिकारी महोदय को इस संस्था
द्वारा दिए गए पेपर्स दिखाये और उनका सम्मान करे , यदि अधिकारी महोदय इस
संस्था से आपके प्रमाण पत्रो का सत्यापन मांगेंगे तो संस्था उन्हें अपने
हाई कोर्ट / सुप्रीम कोर्ट के लीगल एडवाइजर के माध्यम से वेरिफिकेशन भेज
देंगे।
CMS / DCMS/ CMSED/
CMS (Ayurved)/ CMS (Homoeopathy)/ CMS (Nursing) / CMS (Dental) /CMS
(Naturopaty) आदि डिप्लोमा इस संस्था द्वारा कराये जाते है जिनकी मान्यता
एक सामान है , इनमे कोई विशेष अंतर नहीं है
2– बी 0 ए 0 एम 0 एस 0 (नेचुरोपैथी ):- नेचुरोपैथी
सिस्टम शासन द्वारा मान्यता प्राप्त सिस्टम है , सरकारी आदेश के अनुसार
नेचुरोपैथी चिक्त्सक साथ डॉक्टर शब्द का प्रयोग कर सकते है , सरकार द्वारा
नेचुरोपैथी के प्रशिक्षण व रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था नहीं की गयी है , अत :
सरकार से रजिस्टर्ड मान्यता प्राप्त संस्थाओ द्वारा दिए गए प्रशिक्षण व
रजिस्ट्रेशन ही मान्य है, नेचुरोपैथी के प्रशिक्षण व प्रैक्टिस पर कोई
सरकारी रोक नहीं है , नेचुरोपैथी के प्रमाण पत्रो से नेचुरोपैथी सिस्टम
में सी 0 एम 0 ओ 0 ऑफिस में रजिस्ट्रेशन हो सकता है ,
इस संस्था द्वारा D.N.S ,
N.D. , D.N.Y.S., B.AM.S.(Nat.) , M.D.(N.M) , तथा Ph.D (N.M.) आदि आदि
कोर्स कराये जाते है , जिन चिकत्सकों ने किसी दूसरी संस्था से कोई कोर्स
किया है और वह रजिस्ट्रेशन इस संस्था में करना चाहते है तो उनका
रजिस्ट्रेशन हो जाते है ,
नकली संस्थाये – नकली प्रमाण पत्र
वर्तमान मे हमारी संस्था से मिलते जुलते नामो से कई संस्थाए कार्य कर
रही है कई संस्थाओ ने तो हमारी संस्था की वेबसाइट के मैटरर्स चोरी से अपनी
वेबसाइट में डाल रखे है और अपने को हमारी संस्था की ब्रांच बता कर कार्य
कर रही है नई दिल्ली की एक संस्था ने हमारी संस्था से एफिलेशन लेकर अपने
कोर्सेज मे हमारा विवरण देकर के प्रमाण पत्र जारी कर रही है ऐसे प्रमाण
पत्रो का रिकॉर्ड हमारे यहाँ नही है अतः जांच के समय प्रमाण पत्रो का
सत्यापन यहाँ से नही होगा इसलिए ऐसी संस्थाओ से प्रमाण पत्र लेने से पूर्व
मान्यता सम्बन्धी सभी जानकारी अवश्य प्राप्त कर ले किसी ऐसी ही संस्था या
किसी व्यक्ति ने गोण्डा जिले के एक डॉक्टर को हमारी संस्था के नाम से
प्रमाण पत्र बना कर दे दिया था सरकारी / CMO / पुलिश से जाँच होने पर
हमारे यहाँ रिकॉर्ड मे नही था अतः डॉक्टर को जेल जाना पड़ा।
आपने भी कोई प्रमाण पत्र हमारी संस्था के नाम से किसी व्यक्ति या संस्था से बनवाया है तो प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी भेज कर तथा 1000 रु भेज कर इस संस्था से सत्यापन करा ले /
कुछ संस्थाये सेंटर लेने के बाद भ्रमात्मक तरीके से कार्य कर रही है जैसे -सेंटर न० 281
कुछ संस्थाये सेंटर लेने के बाद हमारे नाम का आधार बना कर अन्य संस्थाओ
के भी कोर्स करा रही है जिन कोर्सो का हमसे कोई सम्बन्ध नही है अतः ऐसी
संस्थाओ के कोर्सो के बारे में गहराई से जाँच कर ले जैसे –सेंटर न० 318
सेंटर न० 230 सेंटर न०227 सेंटर न०281 आदि आदि
ऐसी सभी संस्थाओ को कोर्ट का लीगल नोटिस भेज दिया गया है ,/ भेजा जा रहे है।
वह सभी संस्थाय जो इस दिशा मे कार्य कर रही है को भी सूचित किया जाता
है की हमारी वेबसाइट का तथा सस्था से सम्बधित कोई भी मैटर बिना हमारी बिना
लिखित अनुमति के अपनी वेबसाइट और लिट्टेचर में न डाले अन्यथा इंडिअन कॉपी
राइट एक्ट 1957 के अन्तर गत विधिक कार्यवाही की जाएगी और संस्था की
प्रतिस्टा और आर्थिक मूल्यांकन के क्षतिपूर्ति हेतु जिम्मेदार होगी।
नई दिल्ली की एक संस्था जो NEC ACADEMYNEC HOUSEA-115, 2nd Floor,Opp. Metro Piller No. 33,Vikas Marg, Shakarpur
New Delhi – 110092, (India) मे है जिसके डायरेक्टर रा जीव गुप्ता है को
हमारी संस्था के तथ्यों तथा कार्यो को भ्रमात्मक तरीके से कर रहे थे और
हमारी संस्था के प्रपत्रो को अपनी संस्था के प्रपत्र बता कर अपनी वेबसाइट
मे डाल रखा था , जिसे पकड़ा गया इसके बाद इनको हमारे हाई कोर्ट के लीगल
एडवाइजर के द्वारा नोटिस भेजी गयी नोटिस मिलने के बाद इन्होने काफी सीमा
तक एडिटिंग कर के हटा दिया है इन्हे जोनोटिसभेजी गयी थी
WARNING :
DEAR DOCTORS / EXPERIENCE HOLDING PRACTITIONERS – ATTENTION
PLEASE- AT THIS TIME THERE R SEVERAL NEW INSTITUTE ARE OPENING IN THE
FIELD OF ALTERNATIVE / NATUROPATHY & IN THE FIELD OF PRIMARY HEALTH
CARE. WHO DOES NOT PROVIDE PROPER AND TRUE INFORMATION TO THE DOCTORS .
DUE TO THIS REASON – THE DOCTORS TAKES CERTIFICATES FROM THESE
INSTITUTES . AT THE TIME OF ENQUAIRY/AFTER SOME TIME HE KNOWS THAT THE
INSTITUTES / CERTIFICATES BOTH R FALSE/ BOGUS.SO BE-BARE , PLEASE TAKE
TRUE TRUE INFORMATION ABOUT INSTITUTIONS & RECOGNITION BEFORE TAKING
ANY CERTIFICATES . OR ADMISSION IN ANY COURSE FOR IT —- PLEASE SEE OUR
ENTIRE WEBSITE -www.saimission.org NOW-A-DAYS MOST OF THE INSTITUTES R
NOT REGISTERED BY THE GOVERNMENT. THESE INSTITUTES DOES NOT WRITE HIS
OFFICE ADDRESS OR ACT NO./ REGISTRATION NO.IN HIS
CERTIFICATES WHICH IS ENROLLED IN GOVERNMENT OFFICE OR ISSUED BY THE
GOVERNMENT. THESE INSTITUTES ESTABLISHED THEIR OFFICE IN THE RENTED
BUILDING AND ISSUED CERTIFICATES. AFTER 2 OR 3 YEARS THEY CLOSED THEIR
OFFICE & RUN AWAY WITH YOUR MONEY.WHEN ANY INQUIRY BECOME AGAINST U
AND YOUR CERTIFICATES. — CERTIFICATES ISSUING INSTITUTE’S OFFICE MEET
CLOSED AND DOCTORS PROVE FALSE IN HIMSELF . — SO , PLEASE TAKE TRUE
& CORRECT INFORMATION ABOUT INSTITUTES AND DIRECTORS . —THAT—- 1-THE
INSTITUTE IS REGISTERED BY GOVERNMENT OR NOT. 2- THE INSTITUTES IS-HOW
MANY YEARS OLD & HAVE OLDEST RECORD 3- THE INSTITUTES HAVE ITS OWN
BUILDING,WEBSITES OR NOT. 4-ON BEING INQUIRY THE INSTITUTES WILL SEND
VERIFICATION OR NOT . 5- THE INSTITUTES MENTIONED IN THE CERTIFICATES–
HIS OFFICE ADDRESS & ACT NO. / REGISTRATION NO. ISSUED BY THE
GOVERNMENT – / OR NOT . 6- CAN I SO YOUR CERTIFICATES TO THE C.M.O. OR
SENIOR POLICE OFFICER AS– S.P. SO BE ALERT — U CAN TAKE THE CERTIFICATES
FROM ANY INSTITUTE WHICH WILL SATISFY U FROM ABOVE QUESTIONS. OTHERWISE
YOUR MONEY WILL BE LOST OR A CASE MAY BE FILE AGAINST U . SO BE BARE.
BFFORE TAKING CERTIFICATES FROM ANY INSTITUTE ASK AT LEAST 4 QUESTIONS .
1 ) ARE YOUR INSTITUTE IS WORKING MORE THAN 10 YEARS – AGO . HAVE U
ALL RECORDS – ON BEING INQUIRY BY C.M.O. , DRUG INSPECTOR /POLICE /
MEDIA OR ANY RELATED EXECUTIVE — WILL U GIVE /SEND VERIFICATION ?
2) CAN I SHOW YOUR CERTIFICATES TO THE C.M.O. / DRUG INSPECTOR /POLICE / MEDIA Etc. BEFORE START PRACTICE ?
3 ) WILL U SHOW YOUR OFFICE ADDRESS / IN YOUR CERTIFICATE
4) WILL U SHOW REGISTRATION NO. / ACT NUMBER WHICH IS ALLOTTED BY U BY GOVERNMENT
IF ANY INSTITUTE GIVE ANSWER IN YES.. U CAN TAKE CERTIFICATES WITHOUT
HESITATION , BUT BEFORE TAKING CERTIFICATES — U WILL SEE THE SPECIMEN
OF THE CERTIFICATE .
5 ) CAN I RECEIVE REGISTRATION CERTIFICATE FROM C.M.O. OFFICE OF OUR DISTRICT ON BEHALF OF CERTIFICATES ISSUED BY U .?
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