Saturday, 6 December 2014

परिचय

परिचय :-               Please  see whole website in English version in the last of hindi website in the same pages.   or visit our website-www.saimission.org

मान्यता एवं रजिस्ट्रेशन

इयोम्स यूनिवर्सिटी एक परियोजना है प्रोजेक्ट है जो उत्तर प्रदेश सरकार से रजिस्टर्ड संस्था जन स्वास्थ्य शिक्षण संस्थान द्वारा संचालित है तथा साईं मंदिर चेरिटेबल मिशन द्वारा संरक्षित है जो भारत सरकार के ट्रस्ट रजिट्रेशन एक्ट 1882 के अंतर्गत रजिस्टर्ड व विधि मान्य इकाई है इस परियोजना का सम्बन्ध किसी भी राज्य सरकार , केंद्र सरकार के किसी भी विभाग , यूनिवर्सिटी तथा विश्व विद्यालय अनुदान आयोग ( यू जी सी ) आदि से नही है यह एक ऑटो नामस गवर्मेंट द्वारा संचालित  इकाई है जो अल्टरनेटिव थेरीपीस जैसे नैचुरो पैथी  योगा आदि तथा  विश्व स्वास्थ्य संग़ठन द्वारा मान्य हानि रहित इम्यूनो  एलोपैथिक मेडिसिन मे प्राथमिक चिकित्सा के लिए कार्यरत है /




1 संगठन के प्रयास की सराहना स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के आयुष विभाग ने की है,
India (Vide no. U – 12019/24/2005 I.E.C. (Pt.)

2 प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, पैरा मेडिकल पाठ्यक्रम और नेचुरोपैथी, योग, वैकल्पिक अध्ययन के क्षेत्र में 1987 से कार्य कर रहा है।
3 महामहीम राष्ट्रपति, माननीय प्रधानमंत्री महामहिम, राज्यपाल, माननीय मुख्यमंत्री एवं राज्य तथा केन्द्रीय मंत्री आदि द्वारा शुभाषीश व अनुषंशा पत्र प्राप्त हुए है ।

परियोजना एक द्रष्टिकोण

परियोजना एक द्रष्टिकोण :
1. मेडिकल काउंसिल
2. नेचुरोपैथिक बोर्ड
3. अल्टरनेटिव बोर्ड
4. मेडिकल एसोसिएशन
5. मेडिकल कॉलेज
6. संबद्ध केन्द्र 300 से अधिक
7. अंतर्राष्ट्रीय संगठन (जिसमें 15000 चिकित्सक / स्वास्थ्य कार्यकर्ता नामांकित हैं)
8. निशुल्क मेडिकल सहायता शिविर
9. राष्ट्रीय सम्मेलन

10. अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
11. मेडिकल पाठ्यक्रम -नियमित/पत्राचार/दूरस्थ शिक्षा / आनलाइन शिक्षा
12. सम्मानित डिप्लोमा / डिग्री और एवार्ड
13. मेडिकल सोसाइटीज
14. फर्स्ट एड केयर्स/सर्वर के रूप में प्राथमिक चिकित्सक के लिए रजिस्ट्रेश

चेतावनी

चेतावनी

 चेतावनी -- सभी संस्थाओ को सूचित किया  जाता है  कि  कोई भी संस्था हमारी वेबसाइट का कोई भी मैटर, आंशिक या पूर्ण रूप से बिना हमारी लिखित अनुमति के अपनी वेबसाइट मे न डाले अन्यथा आपके विरुद्ध संस्था द्वारा इंडियन कॉपीराइट एक्ट  1957 के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही की जाएगी। ——– सौजन्य से :- एम रंजन  एडवोकेट  एण्ड  एसोसिएट्स — हाई कोर्ट / सुप्रीम कोर्ट

प्रिय चिकित्सक गण/

अनुभवी चिकित्सक – ध्यान दें –इस समय देश में अल्टरनेटिव नेचुरोपैथी तथा प्राइमरी हेल्थ केअर के सबंध में अनेकों नई संस्थाये खुल रही  हैं, जो चिकित्सक को सही सही जानकारी नहीं देती है जिससे चिकित्सक आज प्रमाण पत्र बनवा लेता है और जांच के समय पता चलता है है कि यह संस्था सही नहीं है यह प्रमाण पत्र नकली है अतः किसी भी कोर्स में प्रवेश लेने या रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र लेने से पूर्व बिलकुल सही सही जानकारी कर ले इसके लिए आप हमारी पूरी वेबसाइट  देख सकते है —- आज अधिकांश संस्थाएं सरकार से रजिस्टर्ड  नहीं हैं –ये संस्थाएं जो प्रमाण पत्र जारी करती हैं और उसमें प्राय:अपनी संस्था का पता नहीं लिखती हैं आफिस प्राय: किराये के भवन में बनाती हैं -साल दो साल बाद धन लेकर भाग जाती हैं –चार -पांच साल बाद जब तुम्हारे प्रमाण पत्रो के सत्यापन की जाँच होती है  तब उनका कार्यालय बंद मिलता है और दोषी  प्रमाण पत्र धारक डाक्टर होता है –अत; प्रमाण पत्र लेने से पूर्व ठीक प्रकार से जानकारी कर ले -कि संस्था सरकार  से रजिस्टर्ड है या नहीं –संस्था कितने साल पुरानी है –संस्था की वेवसाइट बनी है या नहीं –क्या संस्था जाँच होने पर जाँच आख्या -वेरिफिकेसन –भेजेगी –प्रमाण पत्रों में क्या अपने कार्यालय का पता लिखती है -प्रमाण पत्रो में क्या सरकार  से दिया गया रजिट्रेशन नंबर लिखती है –वेवसाइट में अपना पता लिखा है या नहीं –तथा संस्था के डायरेक्टर से फ़ोन पर या कार्यालय जाकर यह जरूर पूँछ ले कि क्या आपके प्रमाण पत्रों को हम C M O या पुलिस के किसी बड़े अधिकारी जैसे – यस 0 पी 0 आदि को दिखा सकते हैं –आदि -आदि बातों -तथ्यो  को देखने के बाद ही  प्रमाण पत्र लें –अन्यथा फंस  जायेगे -धन बर्बाद होगा -और जेल भी जाना पड़ सकता है –अतः सावधान रहे ——-

   

हमारा उद्देश्य :-  
हमारा उद्देश्य किसी भी छात्र , वैद्य , डॉक्टर को धोखा देना नहीं है , हमारा उद्देश्य आपको सही तथ्यों से सर्वप्रथम अवगत कराना है ,  संस्था तथा कोर्सेज की मान्यता के तथा सम्बंधित कानून  के  सम्बन्ध में   स्पस्ट जानकारी देना है , किसी को  झूठे तथ्य देकर चीटिंग करके , धोखा देकर , झूठ बोलकर , धन का अर्जन नहीं करना है.
                  कानूनी रूप से चिकत्सा कार्ये वही चिक्त्सक कर सकते है जिन्होंने C.P.M.T.  पास करके साढ़े पांच साल का रेगुलर कोर्स M.B.B.S. / B.A.M.S / B.H.M.S. / B.D.S.आदि कोर्स पास किये है और 10 से 60 लाख रुपए खर्च किये है , और किसी को भी आज की तारीख में चिकत्सा कार्ये करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।  हमारे देश में ऐसे डॉक्टर्स की संख्या लगभग 6 लाख है जबकि अनुभवी चिकत्सकों की संख्या लगभग 50 से 60 लाख के बीच है. 
                  इस समय अनुभव आधार पर चिकित्सा कार्ये करने के लिए अनुभवी डॉक्टर्स के लिए कोई स्पस्ट कानून नहीं बनाया गया है , न तो इन्हे सरलता से प्रैक्टिस करने के लिए अनुमति दी गयी है और न ही बड़ी कठिनता से मना किया गया है , जिस किसी चिकितसक ने किसी संस्था से डिप्लोमा लेकर तथा किसी डॉक्टर के यहाँ रहकर अनुभव प्राप्त कर समाज में अपनी  सेवाये देनी शुरू कर दी ,और समाज ने उसे चिकितसक के रूप में स्वीकार कर लिया ,  वह  ही प्रसिद्ध डॉक्टर बन गया , उसी के पास घर , गाडी , बंगला हो गया , और अब ऐसे चिकित्स्को को अपनी प्रैक्टिस और सम्मान के बचाव के लिए सरकार से रजिस्टर्ड संस्थाओ से कुछ डिप्लोमा  कोर्स करने ही होंगे जिससे उनकी प्रैक्टिस और सम्मान की रक्षा हो सके , इस समय इस तरह के 2 डिप्लोमा किये जा सकते है :- 
1 – सी 0 एम 0 एस 0 डिप्लोमा :-     माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक निर्णय में सी 0 एम 0 एस 0 डिप्लोमाधारी चिकित्स्को को संक्रामक रोगो सहित सभी रोंगो में जनरल उपचार की अनुमति दी है , तथा अपने निर्णय में कहा है कि –  सी 0 एम 0 एस 0 डिप्लोमा धारी चिकितसक अपने मरीजो को मेडिकल प्रमाण पत्र दे सकते है , — सुप्रीम कोर्ट का निर्णय होने के कारण कोई जांच अधिकारी – सी 0 एम 0 ओ 0  आदि परेशान नहीं करते है क्योंकि उन्हें भी डर होता है कि कहीं उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का केस न लग जाये और उन्हें बार – बार कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े। आप आदर सहित अधिकारी महोदय को इस संस्था द्वारा दिए गए पेपर्स दिखाये और उनका सम्मान करे , यदि अधिकारी महोदय इस संस्था से आपके प्रमाण पत्रो का सत्यापन मांगेंगे तो संस्था  उन्हें अपने हाई कोर्ट / सुप्रीम कोर्ट के लीगल एडवाइजर के माध्यम से वेरिफिकेशन भेज देंगे। 
                                         CMS / DCMS/ CMSED/ CMS (Ayurved)/ CMS (Homoeopathy)/ CMS (Nursing) / CMS (Dental) /CMS (Naturopaty) आदि डिप्लोमा इस संस्था द्वारा कराये जाते है जिनकी मान्यता एक सामान है , इनमे कोई विशेष अंतर नहीं है
2– बी 0 ए 0 एम 0 एस 0 (नेचुरोपैथी ):-  नेचुरोपैथी सिस्टम शासन द्वारा मान्यता प्राप्त सिस्टम है , सरकारी आदेश के अनुसार नेचुरोपैथी चिक्त्सक  साथ डॉक्टर शब्द का प्रयोग कर सकते है , सरकार द्वारा नेचुरोपैथी के प्रशिक्षण व रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था नहीं की गयी है , अत : सरकार  से रजिस्टर्ड मान्यता प्राप्त संस्थाओ द्वारा दिए गए प्रशिक्षण व रजिस्ट्रेशन ही मान्य  है, नेचुरोपैथी के प्रशिक्षण व प्रैक्टिस पर कोई सरकारी रोक नहीं है , नेचुरोपैथी के प्रमाण पत्रो से नेचुरोपैथी सिस्टम में  सी 0 एम 0 ओ 0 ऑफिस में रजिस्ट्रेशन हो सकता है , 
                                   इस संस्था द्वारा D.N.S , N.D. , D.N.Y.S., B.AM.S.(Nat.) , M.D.(N.M) , तथा Ph.D (N.M.) आदि आदि कोर्स कराये जाते है , जिन चिकत्सकों ने किसी दूसरी संस्था से कोई कोर्स किया है और वह रजिस्ट्रेशन इस संस्था में करना चाहते है तो उनका रजिस्ट्रेशन हो जाते है , 
नकली संस्थाये – नकली प्रमाण पत्र
वर्तमान मे हमारी संस्था से मिलते  जुलते  नामो से कई संस्थाए कार्य  कर रही है कई संस्थाओ ने तो हमारी संस्था की वेबसाइट के मैटरर्स चोरी से अपनी वेबसाइट में डाल रखे है और अपने को हमारी संस्था की ब्रांच बता कर कार्य कर रही है  नई दिल्ली  की एक संस्था ने हमारी संस्था से एफिलेशन लेकर अपने कोर्सेज  मे हमारा विवरण देकर  के प्रमाण पत्र जारी कर  रही है ऐसे प्रमाण पत्रो का रिकॉर्ड हमारे यहाँ  नही है अतः जांच के समय प्रमाण पत्रो का सत्यापन यहाँ से नही होगा  इसलिए ऐसी संस्थाओ से प्रमाण पत्र लेने से पूर्व मान्यता सम्बन्धी सभी जानकारी अवश्य प्राप्त कर ले किसी ऐसी ही संस्था या किसी  व्यक्ति ने गोण्डा जिले के एक डॉक्टर को हमारी संस्था के नाम से प्रमाण पत्र बना कर दे  दिया था  सरकारी / CMO / पुलिश से जाँच होने  पर हमारे यहाँ रिकॉर्ड मे नही था अतः डॉक्टर को जेल जाना पड़ा।

आपने भी कोई प्रमाण पत्र हमारी संस्था के नाम से किसी व्यक्ति या संस्था से बनवाया है तो प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी भेज कर तथा  1000  रु भेज कर इस संस्था से सत्यापन करा ले  /

कुछ संस्थाये सेंटर लेने के बाद भ्रमात्मक तरीके से कार्य कर रही है जैसे -सेंटर न० 281

कुछ संस्थाये सेंटर लेने के बाद हमारे नाम का आधार बना कर अन्य संस्थाओ के भी कोर्स करा रही है जिन  कोर्सो का हमसे कोई सम्बन्ध नही है अतः ऐसी संस्थाओ के कोर्सो के बारे में गहराई से जाँच कर ले जैसे –सेंटर न० 318 सेंटर न० 230 सेंटर न०227 सेंटर न०281 आदि आदि
ऐसी सभी संस्थाओ को कोर्ट का लीगल नोटिस भेज दिया गया है ,/ भेजा जा रहे है। 
वह सभी संस्थाय जो इस दिशा मे कार्य कर रही है को भी सूचित किया जाता है की हमारी वेबसाइट का तथा सस्था से सम्बधित कोई भी मैटर बिना हमारी बिना लिखित अनुमति के अपनी वेबसाइट और लिट्टेचर  में न डाले अन्यथा इंडिअन कॉपी राइट एक्ट 1957 के अन्तर गत  विधिक कार्यवाही की जाएगी और संस्था की प्रतिस्टा और आर्थिक मूल्यांकन के क्षतिपूर्ति हेतु जिम्मेदार होगी।
नई दिल्ली की एक संस्था जो NEC ACADEMYNEC HOUSEA-115, 2nd Floor,Opp. Metro Piller No. 33,Vikas Marg, Shakarpur
New Delhi – 110092, (India)   मे है जिसके डायरेक्टर रा जीव गुप्ता है को हमारी संस्था के तथ्यों तथा कार्यो को भ्रमात्मक  तरीके से कर रहे थे  और हमारी संस्था के प्रपत्रो को अपनी संस्था के प्रपत्र बता कर अपनी वेबसाइट मे डाल रखा था , जिसे पकड़ा गया इसके बाद इनको  हमारे हाई कोर्ट के लीगल एडवाइजर  के द्वारा नोटिस भेजी गयी  नोटिस मिलने के बाद इन्होने काफी सीमा तक एडिटिंग कर के हटा दिया है इन्हे जोनोटिसभेजी गयी थी

WARNING :
DEAR DOCTORS / EXPERIENCE HOLDING PRACTITIONERS – ATTENTION PLEASE- AT THIS TIME THERE R SEVERAL NEW INSTITUTE ARE OPENING IN THE FIELD OF ALTERNATIVE / NATUROPATHY & IN THE FIELD OF PRIMARY HEALTH CARE. WHO DOES NOT PROVIDE PROPER AND TRUE INFORMATION TO THE DOCTORS . DUE TO THIS REASON – THE DOCTORS TAKES CERTIFICATES FROM THESE INSTITUTES . AT THE TIME OF ENQUAIRY/AFTER SOME TIME HE KNOWS THAT THE INSTITUTES / CERTIFICATES BOTH R FALSE/ BOGUS.SO BE-BARE , PLEASE TAKE TRUE TRUE INFORMATION ABOUT INSTITUTIONS & RECOGNITION BEFORE TAKING ANY CERTIFICATES . OR ADMISSION IN ANY COURSE FOR IT —- PLEASE SEE OUR ENTIRE WEBSITE -www.saimission.org NOW-A-DAYS MOST OF THE INSTITUTES R NOT REGISTERED BY THE GOVERNMENT. THESE INSTITUTES DOES NOT WRITE HIS OFFICE ADDRESS OR ACT NO./ REGISTRATION NO.IN HIS CERTIFICATES WHICH IS ENROLLED IN GOVERNMENT OFFICE OR ISSUED BY THE GOVERNMENT. THESE INSTITUTES ESTABLISHED THEIR OFFICE IN THE RENTED BUILDING AND ISSUED CERTIFICATES. AFTER 2 OR 3 YEARS THEY CLOSED THEIR OFFICE & RUN AWAY WITH YOUR MONEY.WHEN ANY INQUIRY BECOME AGAINST U AND YOUR CERTIFICATES. — CERTIFICATES ISSUING INSTITUTE’S OFFICE MEET CLOSED AND DOCTORS PROVE FALSE IN HIMSELF . — SO , PLEASE TAKE TRUE & CORRECT INFORMATION ABOUT INSTITUTES AND DIRECTORS . —THAT—- 1-THE INSTITUTE IS REGISTERED BY GOVERNMENT OR NOT. 2- THE INSTITUTES IS-HOW MANY YEARS OLD & HAVE OLDEST RECORD 3- THE INSTITUTES HAVE ITS OWN BUILDING,WEBSITES OR NOT. 4-ON BEING INQUIRY THE INSTITUTES WILL SEND VERIFICATION OR NOT . 5- THE INSTITUTES MENTIONED IN THE CERTIFICATES– HIS OFFICE ADDRESS & ACT NO. / REGISTRATION NO. ISSUED BY THE GOVERNMENT – / OR NOT . 6- CAN I SO YOUR CERTIFICATES TO THE C.M.O. OR SENIOR POLICE OFFICER AS– S.P. SO BE ALERT — U CAN TAKE THE CERTIFICATES FROM ANY INSTITUTE WHICH WILL SATISFY U FROM ABOVE QUESTIONS. OTHERWISE YOUR MONEY WILL BE LOST OR A CASE MAY BE FILE AGAINST U . SO BE BARE.
BFFORE TAKING CERTIFICATES FROM ANY INSTITUTE ASK AT LEAST 4 QUESTIONS .
1 ) ARE YOUR INSTITUTE IS WORKING MORE THAN 10 YEARS – AGO . HAVE U ALL RECORDS – ON BEING INQUIRY BY C.M.O. , DRUG INSPECTOR /POLICE / MEDIA OR ANY RELATED EXECUTIVE — WILL U GIVE /SEND VERIFICATION ?
2) CAN I SHOW YOUR CERTIFICATES TO THE C.M.O. / DRUG INSPECTOR /POLICE / MEDIA Etc. BEFORE START PRACTICE ?
3 ) WILL U SHOW YOUR OFFICE ADDRESS  / IN YOUR CERTIFICATE
4) WILL U  SHOW REGISTRATION NO. / ACT NUMBER   WHICH IS ALLOTTED BY U BY GOVERNMENT
IF ANY INSTITUTE GIVE ANSWER IN YES.. U CAN TAKE CERTIFICATES WITHOUT HESITATION , BUT BEFORE TAKING CERTIFICATES — U WILL  SEE THE SPECIMEN OF THE CERTIFICATE  .
5 ) CAN I RECEIVE REGISTRATION CERTIFICATE FROM C.M.O. OFFICE OF OUR DISTRICT ON BEHALF OF CERTIFICATES ISSUED BY U .?

डॉ. डायरेक्ट्री

नोट -अधिक जानकारी लिए हमारी वेबसाइट देंखे -WWW.SAIMISSION.ORG NOT - FOR MORE INFO PLEASE SEE OUR WEBSITE-WWW.SAIMISSION.ORG
MO- 09336850868 , 09336104146 , 05122574685

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स्वास्थ्य मंत्री को बधाई


स्वास्थ्य मंत्री को बधाई

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यह बधाई पत्र हमारी वेबसाइट से लिया गया है। –                                                                     www.saimission.org
स्वास्थ्य मंत्री डॉo हर्ष वर्धन को बधाई -
    .  हमारी सँस्था” इण्डियन कॉउंसिल k मेडिको टेक्नीकल्स एण्ड हेल्थ केयर ” द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य  मंत्री डॉo हर्ष वर्धन को बधाई देने का प्रस्ताव पास हुआ /- क्योकि
  १)   माननीय  हाई कोर्ट की अवमानना संख्या 820 आफ 2004  के निर्देश के सम्मान व समयबध्य अनुपालन के सम्बन्ध मे संस्था द्वारा माननीय प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, उत्तर प्रदेश, लखनऊ। – को संस्था का प्रतिवेदन  पत्र दो प्रतियो मे हमारे हाई कोर्ट के लीगल एडवाईज़र से प्रमाणित करा कर दिनाक 22 /04 /2004  को भेजा जा चुका  है तथा उसकी एक – एक प्रति CMO कार्यालय को भेजी गयी थी। तथा एक प्रति स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार को भेजी गयी थी।
२ ) हमारी संस्था द्वारा वर्ष 2004 मे महासचिव राज्य सभा सचिवालय सँसद भवन नई दिल्ली को संस्था द्वारा भेजे गये एक विधेयक को पारित करवाने हेतु (Vide No EE709117275 IN. Date-09/12/2004) एक प्रोजेक्ट भेजा गया था जिसमे अनक्वालीफIइड डॉक्टर्स के लिए C.M.S. डिप्लोमा पाठ्यक्रम चलाने का प्रविधान था।
  ) यह की संस्था ने अपने  पत्रांक स.NYP /260/2005 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री युत रामदासा जी को एक डॉफ्ट बिल 2005 बनाकर भेजा था।  जिसमे अल्टरनेटिव /इलेक्ट्रोहोम्योपैथी  को मान्यता एव अनक्वालीफIइडचिकित्स्को को प्रशिक्षण देने की मांग की गई थी। (Vide No P. O.S /N.0006/23/12/ 2005).
(4) यह की संस्था द्वारा एफ सी आर एक्ट १९७६ के सेक्शन ६ (A) के अंतर्गत केंद्रीय गृह मंत्रालय को वैकल्पिक चिकित्सा यथा नेचुरोपैथी योगा तथा प्राथमिक चिकित्सा के क्षेत्र में विश्व विद्यालय खोलने हेतु एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रेषित की गयी है जिसमे नेचुरोपैथी योगा और अनक्वालिफाइड  डॉक्टर को सी एम एस डिप्लोमा पाठ्यक्रम करने की संस्तुति की गयी है ।देखे  GOVT LETTER NO (02/21022/94(0759-01)2006 FCRA II ,GOVT OF INDIA/ BHARAT SARKAAR, MINISTRY OF HOME AFFAIRS/ GRAH MANTRALAYA DATED09/05/2007)
 (5) एकादश राष्टीय स्वास्थ्य चिकित्सा सम्मलेन में पास प्रस्ताव की प्रति माँननीय स्वास्थ्य मंत्री सचिवालय भारत सरकार नई दिल्ली दिनाँक 15 जून 2011 में भेजी गयी थी जिसमे नेचुरोपैथी का सरकारी बोर्ड बनाने और अनुभवी चिकित्स्को को प्राथमिक चिकित्सा के लिए सरकारी प्रशिक्षण देने की मांग की  थी (Vide No.RE194460968 Date23/06/2011) तथा

(6)  वर्ष 2010 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को अनक्वालीफIइड  चिकित्सको को प्रशिक्षित करने तथा ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा सुधार  हेतु (Vide No SPEU563552573 IN.  Date 11/03/2010) एक प्रोजेक्ट (निवेदन प्रस्ताव) भेजा गया था ।
(7 ) यह की माननीय  सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायधीश श्री शिवराज वी पाटिल  की खंडपीठ द्वारा दिए गए निर्णय (subhash Bakshi versus Bengal medical council (2003 ) civil appeal no 152 of 1994 decided Feb. 2014को आधार बनाते हुए   माननीय हाई कोर्ट बंगलौर कर्नाटक ने इसे पुनर्जीवित कर सी एम एस डिप्लोमा धारी चिकित्सकों को प्राथमिक चिकित्सा सेवा के लिए अधिकृत कर दिया है। देखें रूलिंग-Ill As Versus District Health Officer & Other W/P No – 37801 -37804/2014 (6m-Res) High Court Bangalore –Karnataka.

उपरोक्त तथ्यों को तथा वर्तमान में देश जन स्वास्थ्य से सम्बंधित परिस्थितियो व देश मे डॉDटरों की कमी को संज्ञान में लेते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री माननीय श्री डॉo हर्ष वर्धन ने इस विषय में सकरात्मक कदम उठाने हेतु पहल की है।
इसलिए हमारा संगठन, हमारी संस्था  इन्हे धन्यवाद देता / देती है।
अब इस सम्बन्ध में नये सिरे से एक नया प्रोजेक्ट बनवाकर दिंनाक 30-SEP-2014 को भेज दिया गया है  । तथा इसकी एक- एक  प्रति माननीय प्रधानमंत्री ,स्वास्थ्य मंत्री और योजना आयोग को भेज दी गयी है ।

                                                                                                                                             डायरेक्टर

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